Search for:
  • Home/
  • Uncategorized/
  • देसंविवि और केआईवाई रसिया के बीच शैक्षणिक अनुबंध.

देसंविवि और केआईवाई रसिया के बीच शैक्षणिक अनुबंध.


हरिद्वार
देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार और रूस के कालिनिनग्राद इंस्टिट्यूट ऑफ योगा (केआईवाई) के बीच एक महत्वपूर्ण अनुबंध पर हस्ताक्षर हुए। यह अनुबंध वैदिक ज्ञान, आयुर्वेद, योग और मनोविज्ञान के क्षेत्रों में वैज्ञानिक, शैक्षिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया है।
इसके अंतर्गत दोनों संस्थान मिलकर नवाचारी शैक्षणिक संसाधनों का विकास करेंगे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर संगोष्ठियों, सम्मेलनों तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। साथ ही शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक विशेषज्ञता का आदान-प्रदान होगा और वैश्विक कल्याण के लिए संयुक्त अनुसंधान परियोजनाएँ शुरू की जाएंगी।

इस अनुबंध पर देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ. चिन्मय पंड्या और केआईवाई रसिया के प्रमुख इगोर पोल्तावसेव ने हस्ताक्षर किया। इस दौरान उन्होंने इसे वैश्विक स्वास्थ्य, शिक्षा और आध्यात्मिकता के क्षेत्र में एक नया अध्याय बताया।

छग के दूधाधारी मठ के महामण्डलेश्वर महंत रामसुंदर दास जी
का शांतिकुंज आगमन
हरिद्वार ५ मार्च।
छत्तीसगढ़ के दूधाधारी मठ के महामण्डलेश्वर राजेश्री महंत रामसुंदर दास आध्यात्मिक यात्रा हेतु गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुँचे। महंत जी गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या जी एवं स्नेहसलिला श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट की। युवाओं का कल्याण, व्यसन मुक्ति, गौवंश वृद्धि आदि विषयों पर विचार विमर्श किया। इस अवसर पर युवाओं के प्रेरणास्रोत श्रद्धेय डॉ पण्ड्या जी ने गायत्री महामंत्र लिखित चादर, युग साहित्य आदि भेंटकर महंत जी को सम्मानित किया। वहीं व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी जी से आदिवासी भाइयों के कल्याण, पर्यावरण संरक्षण तथा गौ वंश की वृद्धि पर चर्चा की। इससे पूर्व गायत्री तीर्थ शांतिकुंज की दिनचर्या के साथ विभिन्न रचनात्मक एवं साधनात्मक गतिविधियों में भाग लिया।
महंत जी देवसंस्कृति विवि के प्रतिकुलपति युवा आइकान डॉ चिन्मय पण्ड्या से भेंट की और गौ, गंगा, गीता पर अपने-अपने विचार साझा की। इस दौरान महंत जी को युवा आइकान ने गायत्री महामंत्र लिखित चादर आदि भेंटकर सम्मानित किया। वहीं महंत जी ने भी युवा आइकान को चादर ओढ़ाकर सम्मानित किया। महंत जी ने प्रकृति के गोद में बसा देसंविवि स्थित एशिया के प्रथम बाल्टिक सेंटर का अवलोकन किया, तो वहीं प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में सभी की सुख समृद्धि हेतु प्रार्थना की।

Leave A Comment

All fields marked with an asterisk (*) are required