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“यात्रा अंतरिक्ष की… प्रार्थना Lहरिद्वार से!”

हरिद्वार से शुभांशु शुक्ला की लैंडिंग के लिए विशेष पूजा अर्चना की मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रविंद्र पुरी महाराज ने,
शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक कर मांगी मंगलकामना
हरिद्वार।
हरिद्वार स्थित निरंजनी अखाड़े में आज एक अभूतपूर्व दृश्य देखने को मिला जब श्रीमहंत महेंद्रपुरी जी महाराज के नेतृत्व में अखाड़ा परिषद के संतों और वेदपाठी ब्राह्मणों ने मनकामेश्वर महादेव पर विशेष दुग्धाभिषेक, वैदिक मंत्रोच्चार और आराधना कर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सकुशल पृथ्वी पर वापसी की प्रार्थना की।

“आज इतिहास लिखा जा रहा है – संतों की वाणी में आस्था और विज्ञान का संगम”
श्रीमहंत महेंद्रपुरी जी ने इस अवसर पर कहा –

“आज का दिन केवल विज्ञान की विजय नहीं, बल्कि आस्था की शक्ति का भी साक्षी है। जब अंतरिक्ष में मानव उड़ान भरता है, तब संत उसकी वापसी के लिए धरती पर प्रार्थना करते हैं – यह सनातन संस्कृति की विशेषता है।”

“शुभांशु शुक्ला का जीवन, केवल अपने लिए नहीं – सर्वहिताय समर्पित है”
मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत रवींद्र पुरी जी महाराज ने इस अवसर पर भावुक होकर कहा –

“हमारी प्रार्थना है कि वह सर्वहिताय लैंड करें। उनका जीवन व्यक्तिगत सीमाओं से ऊपर है। उनका कार्य, समस्त मानवता के लिए प्रेरणा है।”

“गंगा तट पर शिवभक्ति, अंतरिक्ष यात्री की मंगल वापसी का आधार”
अखाड़ा परिसर में भजन, हवन, आरती और गंगाजल अर्पण से लेकर शिवलिंग पर पंचामृत अभिषेक तक, हर कर्मकांड इस विश्वास से किया गया कि शुभांशु जी की वापसी केवल एक लैंडिंग नहीं, बल्कि संस्कृति, विज्ञान और श्रद्धा की त्रिवेणी है।

“हरिद्वार से लेकर अंतरिक्ष तक – सनातन संस्कृति की गूंज”
आज जब शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से 18 दिन बाद पृथ्वी पर लौटने जा रहे हैं, तो हरिद्वार की धरती, विशेषकर निरंजनी अखाड़े का यह यज्ञ और प्रार्थना, उनके स्वागत की आध्यात्मिक गूंज बन गई है।

यह समाचार न केवल धार्मिक, बल्कि राष्ट्र और मानवता के एक बड़े गौरव क्षण का प्रतिनिधित्व करता है। जब संतों की आशीर्वाद शक्ति और वैज्ञानिक उपलब्धि एक ही दिशा में प्रवाहित होती है – तब एक नया इतिहास रचा जाता है।

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