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शिवडेल स्कूल की शिक्षण पद्धति अत्यंत अनुकरणीय- मदन कौशिक


हरिद्वार। शिक्षा मानव जीवन के लिए बहु उपयोगी माध्यम है, वर्तमान में शिक्षण सोपनों में अनेक परिवर्तन और परिवर्धन हुए हैं, जिनमें सीबीएसई की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसी पाठ्यक्रम का अनुपालन करते हुए शिवडेल स्कूल अनेक प्रतिभाओं को देश की सेवा के लिए प्रतिवर्ष तैयार कर रहा है। यह विचार शिवडेल स्कूल की रजत जयंती समारोह के पहले दिन नगर विधायक मदन कौशिक ने व्यक्त किये। उन्होंने विद्यालय के संस्थापक स्वामी शरद पुरी जी की भूरि भूरि प्रशंसा की।
इसके पूर्व रजत जयंती समारोह सृजन का उदघाटन स्वामी शरदपुरी जी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, स्वामी चेतनानंद, स्वामी रामानंद गिरि, स्वामी केशवानंद तथा जितेन्द्र रघुवंशी के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कराकर किया। गणेश वंदना तथा स्वागत गीत के साथ ही बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। नर्सरी से पांचवी तक के बच्चों की प्रस्तुतियों की उपस्थिति अपार जन समूह ने दिल खोलकर प्रशंसा की।
इस दौरान स्कूल के प्रधानाचार्य अरविन्द कुमार बंसल ने 25 वर्षों की उपलब्धियों का व्यौरा देते हुए कहा कि यह स्कूल पिछले 25 वर्षों से शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। कई छात्र प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, चूँकि शिक्षा ज्ञान की खोज है और वेदों का उद्देश्य आत्मा की सर्वोच्च शिक्षा है, इसलिए आधुनिक और वैदिक शिक्षा, दोनों को मिलाकर प्रशिक्षण देने पर स्वामी शरद पुरी जी का विशेष ध्यान रहा है। स्वामीजी के अनुभवी मार्गदर्शन और शिक्षकों व छात्रों के लिए निरंतर मिलती प्रेरणा के साथ शिवडेल स्कूल लगभग 4000 छात्रों को शिक्षा प्रदान करता है, जिनमें से 100 से अधिक छात्रों को प्रबंधन द्वारा पूर्ण सहायता प्रदान की जाती है। बंसल ने बताया कि स्वामी जी अपने कर्मचारियों और छात्रों को परिवार, समाज और राष्ट्र के लिए एक बेहतर इंसान बनने हेतु निरंतर मार्गदर्शन प्रदान करते रहे हैं। स्वामी शरदपुरी महाराज के सान्निध्य में स्कूल ऊंचाइयां प्राप्त कर रहा है। इस अवसर पर बीएचईएल रानीपुर शिवडेल स्कूल के प्राचार्य पुनीत कुमार श्रीवास्तव ने भी स्वामी जी द्वारा बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
इस अवसर पर स्वामी शरद पुरी जी ने अनेक स्मरणीय संस्मरणों का उल्लेख करते हुए कहा कि अपने वास्तविक स्वरूप को समझना आधुनिक शिक्षा का अभिन्न अंग होना चाहिए, ताकि प्राचीन और आधुनिक ज्ञान शांति, स्वतंत्रता, बंधुत्व और सहयोग पर केंद्रित समाज का निर्माण कर सके। किसी भी संस्था की पहचान उसके कार्यों से होती है। माता-पिता बच्चों के जीवन का निर्माण करते हैं और शिक्षक अच्छा व्यक्ति बनाते हैं। विद्यालय का कार्य सृजन करना होता है।
विद्यालय परिवार की ओर से आज महापौर किरण जैसल, नगर विधायक मदन कौशिक, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार, देशबंधु, समाजसेवी अविनाश जौहरी, विशाल गर्ग, विकास तिवारी, प्रधानाचार्य हेमा पटेल, संजय देवांगन, स्वामी जगदीश, सीए अनिल वर्मा, श्यामलाल, कबड्डी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी अर्जुन देशवाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ नरेश मोहन जी के निर्देशन में शिवडेल स्कूल के छात्र छात्राओं ने करते हुए उपस्थित जन समुदाय का मन मोह लिया।

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