न्यू सेंट थॉमस अकादमी का वार्षिक उत्सव हर्षोल्लास से संपन्न
रोशनाबाद स्थित न्यू सेंट थॉमस एकेडमी में छठा वार्षिकोत्सव उत्सव ”अमरतरंगिनी गंगा बड़े ही धूमधाम से आयोजित किया गया। वार्षिकोत्सव “अमर तरंगिणी गंगा” थीम पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। समारोह के मुख्य अतिथि स्वतन्त्र कुमार एस पी सिटी हरिद्वार , विशिष्ट अतिथि डा0 उमेश कुमार एम० बी० बी० एस० (एम० डी ) हरिद्वार मुख्य अतिथि श्री नितिन गौतम जी, आर्यन हैरिटेज स्कूल के प्रबंधक श्री वी०एस त्यागी, श्रीमति पूनम मिश्रा (यूथ वेलफेयर एंड रीजनल सिक्योरिटी डिपार्टमेंट ) दिव्य फार्मेसी सीनियर जनरलिस्ट मिस राधिका नागरथ, आदि अधिकारी उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि द्वारा दीप प्रज्वलित कर हुआ । विद्यालय के चैयरमैन श्री राहुल पाल जी , घसीटूराम पाल जी, संदीपपाल जी , रविन्द्रपाल जी , पुनीत पाल जी ने मुख्य अतिथि ,विशिष्ट अतिथि, व आगन्तकों का स्वागत माल्यार्पण द्वारा किया।समारोह की इन्द्रधनुषी प्रस्तुतियो में कक्षा प्रथम के नन्हे मुन्ने बच्चों ने सर्वप्रथम गणेश वंदना एवं एल॰ के॰ जी के बच्चो द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया । यू के जी के बच्चो द्वारा भगवान शिव की महिमा का वर्णन बड़े ही मनोहारी ढंग से प्रस्तुत किया । मुख्य अतिथि व अभिभावकों ने अपने उदधबोधन के माध्यम से शिक्षा प्रणाली की प्रशंसा करते हुए छात्रों को अपने कौशलों का विकास करके समाज व देश की प्रगति में योगदान हेतु प्रोत्साहित व प्रेरित किया । कक्षा यू० के ० जी ०कक्षा के नन्हें मुन्हें बच्चो दवारा सगर पुत्रो की कथा का सुंदर प्रस्तुतीकरण किया। तृतीय व नौवीं कक्षा के बच्चों कलयुग में गंगा की दशा को दर्शाते हुए अपने कार्यक्रम के माध्यम से सभी को जीवदायिनी गंगा के विषय में सोचने केलिए प्रेरित किया।जिसमें प्राचीन काल से आधुनिककाल तक गंगा के महत्व तथा भारतीय जनमानस की एकता और अखंडता का प्रतीक है।गंगा केवल जीवन दायिनी नहीं है बल्कि वह सभी पापों को भी नष्ट करती है और मोक्ष की प्राप्ति करवाती है।बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के द्वारा परम पवित्र नदी गंगा भारत की प्रमुख नदी है। यह गंगोत्री से निकलकर भारत के अनेक राज्यों को पवित्र करती हुई बंगाल की खाड़ी में गिरकर सागर में मिल जाती है। इस पतित पावनी नदी की मनोहारी कथा का प्रस्तुतीकरण किया ।जो कहनेऔर सुनने वालों के मन को आत्मविभोर कर देती है।अमरतरंगिनी गंगा थीम के माध्यम से बच्चों के द्वारा सतयुग ,द्वापरयुग त्रेतायुग ,कलयुग चारों युगों में गंगा के जन्म से लेकर गंगा का पृथ्वी पर प्रकट होने का कारण तथा आधुनिक काल में गंगा को मानव समाज द्वारा कितना महत्व दिया जाता है तथा गंगा की स्वच्छता तथा निर्मलता के विषय पर समाज कितना सोच रहा है । इस विषय पर प्रस्तुतीकरण करके समाज को जागृत करने का प्रयास किया गया है। इस अमरतरंगिनी गंगा पर आधारित प प्रस्तुततियों में छात्र-छात्राओं के भारतीय पाश्चात्य शैली के नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा। जिसमें छात्रों में समूह गीत, नृत्य गीत, हिंदी और अंग्रेजी नाट्य मंचन के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया।इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्या श्रीमती बीटा गर्ग जी ने अपने अभिवादन में सांस्कृतिक कार्यक्रमों द्वारा प्रदर्शित, नैतिक मूल्यों आदर्शो तथा समसामयिक विषयों की सराहना की। विद्यालय के चैयरमैन राहुल पाल जी , तनिष्क पाल संदीप पाल जी, विद्यालय मैनेजर श्री घसीटूराम जी, ने आगंतुकों का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों के बीच नैतिक मूल्यों को विकसित करने में माता-पिता और शिक्षकों की भूमिका को निर्दिष्ट किया।कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथियों ने कार्यक्रम की प्रशंसा ही नहीं की बल्कि विद्यालय की बहुमुखी प्रतिभा से प्रभावित होकर बच्चों की खूब प्रशंसा की और उनका उत्साहवर्द्धन किया।