साध्वी ऋतंभरा के गुरु युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ संतों में आक्रोश
ऋतंभरा के आश्रम वात्सल्य गंगा आश्रय के उद्घाटन समारोह में युगपुरुष परमानंद गिरि ने महंतों की तुलना कुत्ते से की थी,
साधु संतों और सनातनियों ने परमानंद गिरि को साधु समाज, महामंडलेश्वर पद और राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के सदस्य पद से निष्कासित करने की मांग की
साध्वी ऋतंभरा के गुरु युगपुरुष महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ साधु संतों में जबरदस्त आक्रोश है। रविवार को कनखल स्थित ऋतंभरा के आश्रम वात्सल्य गंगा आश्रय के उद्घाटन समारोह के मौके पर स्वामी परमानंद गिरि ने साधु संतों की तुलना एक उदाहरण देते हुए कुत्ते से कर दी थी। जिस पर साधु संतों में स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। साधु संतों ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं निरंजनी पंचायती अखाड़े के सचिव श्री महंत रविंद्रपुरी महाराज से परमानंद गिरि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है और उन्हें महामंडलेश्वर पद से और अखाड़े से निकलना की जोरदार मांग की है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस समय ऋतंभरा के गुरु महामंडलेश्वर युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि ने महंतों की तुलना कुत्तों से की थी, उस समय साध्वी ऋतंभरा ने अपने गुरु के वक्तव्य का विरोध करने की बजाय वह इस पर खूब हंसी।
साधु सतों में स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ जबरदस्त आक्रोश है। साधु संतों का कहना है कि भगवा रंग देश के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे झंडे का भी प्रतीक है। यह आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले बलिदानियों की आस्था का प्रतीक है, देश की करोड़ों श्रद्धालु जनता की भावना और श्रद्धा का प्रतीक है। जगतगुरु आदि शंकराचार्य से लेकर अब तक सभी दशनामी संन्यासी परंपरा के साधु इस भगवा कपड़े को धारण करते हैं और इस तरह से युगपुरुष परमानंद गिरि ने एक बड़े मंच में साधु-संतों- महंतों की तुलना कुत्ता से करके आदि जगतगुरु शंकराचार्य की दशनामी संन्यासी परंपरा और भारतीय संस्कृति का घोर अपमान किया है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साधु सतों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की है कि युगपुरुष परमानंद गिरि को श्री राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी पद से भी तुरंत हटाया जाए। वरना साधु संत अयोध्या में राम मंदिर के सामने स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ धरना देंगे। स्वामी परमानंद गिरि के बयान पर समस्त संत समाज में भड़के आक्रोश को देखते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने साध्वी ऋतंभरा के गुरु युगपुरुष स्वामी परमानंद गिरि के खिलाफ कड़ी से कड़ी करने का फैसला लिया है। अखिल भारतीयअखाड़ा परिषद के अध्यक्ष, श्री मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज ने कहा कि साध्वी ऋतंभरा के गुरु होने के साथ वह स्वयंभू युग पुरुष है। और उन्होंने दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों तथा सैकड़ो हिंदुओं के सामने साधु-संतों-महंतों की तुलना कुत्तों से करके समस्त संत समुदाय और सनातनियों का अपमान किया है, जो साधु संत हजारों वर्षों से त्याग, तपस्या और वीरता का प्रतीक भगवा धारण करके सनातन धर्म की रक्षा करते आए हैं। इस तरह साधु-संतों का अपमान करके तथाकथित युगपुरुष परमानंद सरस्वती ने समस्त हिंदूओं का अपमान किया है। यह अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।और जल्दी ही परमानंद गिरि के खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा कार्रवाई करेगी। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष एवं निरंजनी अखाड़े के सचिव श्री महंत रवींद्र पुरी ने कहा कि इस बारे में उन्हें कई साधु संतों ने आक्रोश पत्र लिखा है और परमानंद गिरि के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। युगपुरुष परमानंद गिरि स्वयं पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर होने के साथ-साथ राम जन्मभूमि मंदिर ट्रस्ट के एक अहम पद पर आसीन है।