प्रधानमंत्री 11 सितंबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का दौरा करेंगे,प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है-धामी
प्रधानमंत्री 11 सितंबर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का दौरा करेंगे
देहरादून।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को उत्तराखंड के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के हवाई सर्वेक्षण एवं समीक्षा बैठक के लिए पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जॉलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचकर प्रधानमंत्री के दौरे की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सभी व्यवस्थाओं को समयबद्धता के साथ सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री का उत्तराखंड से विशेष लगाव है, यही कारण है कि आपदा के इस कठिन समय में हमें निरंतर उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन मिलता रहा है। प्रधानमंत्री के आगमन से उत्तराखंड में आपदा राहत कार्यों को और बल मिलेगा।
प्रधानमंत्री वाराणसी में मॉरीशस के प्रधानमंत्री की मेजबानी करेंगे
दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे
भारत के महासागर विजन और ‘पड़ोसी प्रथम’ नीति का मॉरीशस महत्वपूर्ण हिस्सा है
वाराणसी शिखर सम्मेलन समृद्धि एवं स्थिरता की दिशा में साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा
प्रधानमंत्री देहरादून में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे और समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 11 सितम्बर को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का दौरा करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी में लगभग 11:30 बजे मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम की मेजबानी करेंगे जो 9 से 16 सितंबर 2025 तक भारत की राजकीय यात्रा पर हैं।
इसके बाद प्रधानमंत्री देहरादून जाएंगे और शाम लगभग 4:15 बजे उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। शाम लगभग 5 बजे, प्रधानमंत्री अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
ऐतिहासिक शहर वाराणसी में दोनों नेताओं के बीच होने वाली बैठक स्थायी सभ्यतागत संबंध, आध्यात्मिक जुड़ाव और दोनों देशों के लोगों के बीच गहरे बंधनों को रेखांकित करती है, जिसने भारत और मॉरीशस के बीच विशेष और अद्वितीय संबंधों को आकार दिया है।
द्विपक्षीय चर्चाओं के दौरान, दोनों नेता द्विपक्षीय सहयोग के सभी पहलुओं की समीक्षा करेंगे जिसमें विकास साझेदारी और क्षमता निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। वे स्वास्थ्य, शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, बुनियादी ढांचे के साथ-साथ नवीकरणीय ऊर्जा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और नीली अर्थव्यवस्था जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अवसरों पर भी चर्चा करेंगे।
यह यात्रा मार्च 2025 में प्रधानमंत्री मोदी की मॉरीशस की राजकीय यात्रा से उत्पन्न सकारात्मक माहौल पर आधारित है जिसके दौरान दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को ‘संवर्धित रणनीतिक साझेदारी’ तक बढ़ाया था।
हिंद महासागर क्षेत्र में एक मूल्यवान साझेदार और घनिष्ठ समुद्री पड़ोसी के रूप में, मॉरीशस भारत के ‘महासागर’ (क्षेत्रों में सुरक्षा एवं विकास के लिए पारस्परिक व समग्र उन्नति) दृष्टिकोण और ‘पड़ोसी पहले’ नीति के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के बीच मजबूत होता सहयोग न केवल दोनों देशों के लोगों की समृद्धि के लिए बल्कि ग्लोबल साउथ की सामूहिक आकांक्षाओं के लिए भी महत्वपूर्ण है।
वाराणसी शिखर सम्मेलन पारस्परिक समृद्धि, सतत विकास और सुरक्षित एवं समावेशी भविष्य की दिशा में भारत और मॉरीशस की साझा यात्रा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि साबित होगा।