जिलाधिकारी के निर्देशो के क्रम में विगत दिनों गौवंश के बचावों के उपक्रम
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की आशीष मिश्रा ने अवगत कराया कि रूड़की क्षेत्र में गौवंश रूड़की क्षेत्रार्न्तगत बी०एस०एम० तिराहे के निकट गौशाला सभा चावमण्डी रूडकी के नाम से रजिस्टर्ड है, गौवशं की देखरेख/सुरक्षा हेतु रजिस्ट्रर्ड संस्था है, जिसमें श्री प्रमोद गोयल, अध्यक्ष, श्री प्रवीण संधु, सचिव, श्री अनिल गोयल, उपाध्यक्ष, श्री राजकुमार, सह सचिव, व श्री अमित गोयल कोषाध्यक्ष है। इनके अतिरिक्त गौवंश की सेवा हेतु कुल 16 व्यक्ति है। जिनमें 02 सुपरवाईजर, 09 गौ-सेवक, 01 डाक्टर, 01 एकाउण्टेंट, 01 सेवादार, 01 सफाई कर्मी एवं 01 भोजन कर्मी की तैनाती गौशाला सभा की ओर से की गयी है। गौशाला परिसर में कुल 02 टीन शेड ओर 02 पुख्ता हॉल बने है जिनमें गौवंश को रखा जाता है, जिनके लिये पर्याप्त जगह है। प्रत्येक टीन शेड में गौवंश को गर्मी से निजात दिलाने हेतु सिलिंग फैन लगाये गये है, परिसर की साथ सफाई अच्छी पायी गयी। पानी की व्यवस्था हेतु 02 समरसेबल लगे है। परिसर में खाना बनाने, भुसा रखने, घास काटने/रखने, खाद्यान्न सामग्री रखने आदि का उचित स्थान है हाल ही में बिजली की सुचारू व्यवस्था हेतु 10 किलोवाट का सोलर प्लान्ट 02 माह पूर्व लगाया गया है।
उन्होंने यह भी अवगत कराया कि गौशाला परिसर में भगवान श्रीकृष्ण जी का भव्य मन्दिर लगभग 02 वर्ष पूर्व बना है जिसमें आम जन प्रतिदिन दर्शन करने आते है। गौशाला सभा की ओर से श्री गोपाल होम्योपैथिक डिस्पेंसरी प्रतिदिन आम लोगों के लिये निःशुल्क खोली गयी है साथ ही गाय के गोबर से टिकली भी बनाई जाती है, जो भक्त जनो को पूजा हेतु निःशुल्क दी जाती है। घास लाने एवं गोबर को उचित स्थान पर ले जाने हेतु गौशाला के पास 01 टैक्टर एवं 02 ट्राली है एवं भूसा रखने हेतु 02 स्टोर है, घास काटने की मशीन भी मोटर सहित लगी है, घायल गौवंश एवं पुलिस द्वारा पकडे गये गौवंश को भी गौशाला में रखा जाता है। गौशाला सभा के उपस्थित पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि सरकार की ओर से 80 रूपये प्रति गौवंश प्रतिदिन मिलता है। गौशाला सभा चावमण्डी में कुल 251 गौवशं है जिसमें से 34 सांड है एवं गौशाला की एक शाखा ग्राम पनियाला में भी है जहाँ पर 148 गौवंश है, पनियाला गौशाला में 06 व्यक्तियों द्वारा गौवंश की सेवा की जाती है। गौशाला सभा चावमण्डी रूडकी (रजिस्ट्रर्ड) में कुल 399 गोंवश वर्तमान समय में है जहॉ गौवंश का पालन पोषण सही प्रकार से किया जा रहा है।