गुरु तेग बहादुर जी के 350 वीं शताब्दी शहीदी पर निकाला गया नगर कीर्तन,
गुरु तेग बहादुर जी ने सनातन धर्म की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति दी,
एंकर-श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल द्वारा गुरु तेग बहादुर जी की 350 वीं शताब्दी शहीदी दिवस के अवसर पर भव्य नगर कीर्तन का आयोजन किया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में संगत ने उपस्थित होकर गुरु तेग बहादुर को श्रद्धांजलि दी। नगर कीर्तन सिंहद्वार से शुरू होकर कनखल स्थित तप स्थान तीजीपात शाही गुरु अमरदास सती घाट कनखल में संपन्न हुआ। जगह जगह रास्ते में श्रद्धालुओं ने श्री गुरु ग्रन्थ साहिब और नगर कीर्तन का स्वागत पुष्प वर्षा कर किया।
इस अवसर पर श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल के पीठाधीश्वर संत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि गुरु तेग बहादुर को हिंद की चादर से सम्मानित किया गया। वह पूरी सृष्टि की चादर थे।
तप स्थान की संचालिका श्रीमती बिन्निंदर कौर सोढ़ी ने कहा कि सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने सनातन धर्म की रक्षा के लिए अपना शीश बलिदान किया। बाद में उनके पूरे परिवार गुरु गोबिंद सिंह, माता गूजरी, बाबा अजीत सिंह, बाबा जुझार सिंह, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह सभी ने शहादत दी। उनकी शहादत को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर के बलिदान के कारण ही आज हम सब सुरक्षित हैं। इस अवसर पर विभिन्न लोगों का सरोपा भेंट कर स्वागत किया गया।
बाइट- संत जगजीत सिंह पीठाधीश्वर, श्री निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल
