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बायोमास से हाइड्रोजन तक पर आईआईटी रुड़की ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया,

बायोमास से हाइड्रोजन तक पर आईआईटी रुड़की ने अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया,

रुड़की। आईआईटी रुड़की के जल एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग (एचआरईडी) ने बायोमास से हाइड्रोजन: प्रौद्योगिकी, तालमेल एवं प्रणाली एकीकरण (आईएसबी2एच) पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम को अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान (एएनआरएफ), भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), एवं उद्योग प्रायोजकों – मार्स टेक्नोलॉजीज एंड सर्विसेज, एलिमेंटार, एवं टीए इंस्ट्रूमेंट्स वाटर्स द्वारा समर्थित किया गया था।यह संगोष्ठी आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के. के. पंत के संरक्षण में आयोजित की गई, जिन्होंने इस संगोष्ठी की आवश्यकता एवं भारत में हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था की ओर सतत परिवर्तन को बढ़ावा देने में इसकी भूमिका पर ज़ोर दिया। उद्घाटन समारोह में एचआरईडी के प्रमुख प्रो. संजीव कुमार प्रजापति ने भाग लिया, संयोजक प्रो. सोनल के. थेंगने ने प्रतिभागियों का स्वागत किया व संगोष्ठी के उद्देश्यों को रेखांकित किया, तथा प्रो. प्रथम अरोड़ा ने धन्यवाद ज्ञापन किया।मुख्य अतिथि डॉ. रंजीत के. पई, वैज्ञानिक एफ, डीएसटी, और डॉ. जी. श्रीधर, महानिदेशक, एसएसएस-एनआईबीई ने भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन में बायोमास आधारित हाइड्रोजन के महत्व को रेखांकित किया।”बायोमास से हाइड्रोजन – संभावनाएँ एवं चुनौतियाँ” विषय पर एक पैनल चर्चा में डॉ. पई, डॉ. श्रीधर, डॉ. प्रियंका कौशल, डॉ. आर. के. मल्होत्रा एवं डॉ. बिजेंद्र नेगी जैसे प्रमुख विशेषज्ञ शामिल हुए। इस चर्चा में भारतीय संदर्भ में बायोहाइड्रोजन के लिए तकनीकी तैयारी, नीतिगत ढाँचे और उद्योग द्वारा अपनाए जाने पर चर्चा की गई।इस संगोष्ठी में देश भर से लगभग 75 प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें शोधकर्ता, उद्योग प्रतिनिधि और छात्र शामिल थे। आईआईटी बॉम्बे, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी दिल्ली, एसएसएस-एनआईबीई और अन्य प्रमुख संस्थानों के विशेषज्ञ वक्ताओं ने अपने विचारों से सत्र को समृद्ध बनाया।बायोमास एवं हाइड्रोजन से संबंधित बीआईएस मानकों पर सत्र विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा, जिसका संचालन एचआरईडी बीआईएस छात्र अध्याय की समन्वयक प्रो. सोनल ने किया। बीआईएस एवं आईआईटी रुड़की के वक्ताओं ने नवीकरणीय हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों के विकास में मानकों की उभरती भूमिका पर चर्चा की। सत्र की अध्यक्षता बीआईएस अध्यक्ष प्रो. दीपक खरे ने की और इसका समापन एक इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तरी के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। समापन सत्र को स्रिक कुलशासक प्रो. विवेक के. मलिक ने संबोधित किया, जिसके बाद सर्वश्रेष्ठ प्रस्तुतकर्ताओं और प्रश्नोत्तरी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किए गए।आईएसबी2एच ने अनुसंधान, नीति एवं मानकीकरण के दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक संयोजित किया, जिससे अक्षय ऊर्जा एवं हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों में नवाचार के केंद्र के रूप में आईआईटी रुड़की की भूमिका मजबूत हुई।

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