श्री राजेश कुमार द्विवेदी को बीएचईएल का निदेशक (वित्त) नियुक्त किया गया
हरिद्वार, 20 जून: भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) के बोर्ड में निदेशक के रूप में अपनी नियुक्ति के पशचात, 56 वर्षीय श्री राजेश कुमार द्विवेदी ने महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र के इंजीनियरिंग और विनिर्माण उद्यम के निदेशक (वित्त) के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
इससे पहले, श्री द्विवेदी बीएचईएल में महाप्रबंधक एवं प्रमुख (कॉर्पोरेट वित्त) के पद पर कार्यरत थे। वह द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के एक प्रतिष्ठित फेलो सदस्य हैं व उनके पास बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स डिग्री (एमबीए) भी है।
श्री द्विवेदी 1992 में कार्यपालक प्रशिक्षु (वित्त) के रूप में बीएचईएल में शामिल हुए। उनके पास व्यावसायिक रणनीतियों, विनिर्माण और पावर सेक्टर के परियोजनाओं के निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में 32 वर्षों से अधिक का गहन और व्यापक अनुभव है। साथ ही, सितंबर, 2022 से हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड, रांची में निदेशक (वित्त) का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं जिससे उन्हे बोर्ड स्तर पर काम करने का भी अच्छा अनुभव प्राप्त है।
उन्होंने बीएचईएल की प्रमुख इकाइयों में वित्त विभाग के प्रमुख के रूप में परिचालन के क्षेत्र में अपने नेतृत्व कौशल का परिचय दिया है। गौरतलब है कि श्री द्विवेदी ने निरंतर लक्ष्य-उन्मुख दृष्टिकोण का प्रदर्शन किया है और कंपनी के कठिन समय में परिचालन को लाभ (top line) के साथ-साथ टर्नओवर (bottom line) को बढ़ाने की दिशा में उन्मुख करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सेंट्रल प्रोक्योरमेंट सेल, न्यू बिजनेस मॉडल, नवीन ऑर्डरिंग रणनीति आदि जैसी नई अवधारणाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इन अवधारणाओं के कार्यान्वयन से कंपनी को लाभ मिलना भी शुरू हो गया है।
उनके द्वारा बजटीय और लागत नियंत्रण तथा ग्राहकों से जुड़े मुद्दों के त्वरित समाधान जैसे उपायों के माध्यम से लागत को कम करने पर निरंतर ध्यान देने से बीएचईएल की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ हुई है, जिससे कंपनी के शेयरधारकों में विश्वास पैदा हुआ है। उनके स्पष्ट विजन, दृढ़ विश्वास, उत्कृष्ट व्यावसायिक कौशल और वित्तीय विवेक ने कंपनी के परिचालन के स्तर को ऊपर उठाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अपनी मातृ संस्था – ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया’ के साथ सभी स्तरों पर सक्रिय सहयोग के माध्यम से देश में लागत प्रबंधन (कॉस्ट मैनेजमेंट) के पेशे को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।