गुरु नानक देव जी का 556 वां प्रकाश पर्व कनखल गुरु अमरदास गुरुद्वारे में धूमधाम से मनाया गया
हरिद्वार।
सिखों के प्रथम गुरु सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का 556 वां प्रकाश पर्व आज तपस्थान तीजीपात शाही गुरुद्वारा गुरु अमरदास, सतीघाट, कनखल में बड़ी श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ मनाया गया।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। ग्रंथि सरदार देवेंद्र सिंह ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब के श्री अखंड पाठ का भोग लगाया और अरदास की।
इस अवसर पर ज्ञानी परमजीत सिंह ज्ञानी राजेंद्र सिंह, बीबी सरबजीत कौर एवं साध संगत ने मिलकर शब्द कीर्तन किया और श्रद्धालुओं ने अटूट लंगर चखा और निहाल हुए।
गुरुद्वारा के महंत रंजय सिंह महाराज ने कहा कि गुरु नानक देव जी के विचार हर युग में प्रासंगिक रहेंगे।उन्होंने समाज में अंधविश्वास एवं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अलख जगाई।
गुरुद्वारा की संचालिका बीबी बिन्निंदर कौर सोढ़ी ने कहा कि गुरु नानक देव जी ने वेदों की रक्षा एवं प्रचार प्रसार के लिए निर्मल पंथ की स्थापना की थी।
इस अवसर पर निर्मल संतपुरा आश्रम कनखल के पीठाधीश्वर संत जगजीत सिंह शास्त्री महाराज के नेतृत्व में सुबह प्रभात फेरी निकाली गई जो कनखल के मुख्य बाजारों से होती हुई तीजीपात शाही गुरुद्वारा गुरु अमरदास में मत्था टेखने के बाद निर्मल संतपुरा में समाप्त हुई।
इस अवसर पर सरदार सुरेंद्रजीत, रविंद्र सिंह एडवोकेट,अवतार सिंह, गुरु चरण सिंह,मनजीत सिंह ओबेरॉय, महेंद्र सिंह, देवेंद्र सिंह, इंद्रजीत सिंह बिट्टू , सरदारनी रविंदर कौर सरदारनी कुलवंत कौर सरदारनी अपनिंदर कौर आदि उपस्थित थे।
