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डेंगू रोकथाम में रेखीय विभागों की भागीदारी जरूरीः डॉ. धन सिंह रावत

कहा, प्रदेश में 81 फीसदी मरीज हुये स्वस्थ, फिर भी रहें सतर्क

सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये अलर्ट रहने के निर्देश

स्वैच्छिक रक्तदान को ई-पोर्टल पर हुये एक लाख से अधिक पंजीकरण

प्रदेश में डेंगू के रोकथाम को लेकर राज्य सरकार लगातार प्रयासरत है। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को जिला प्रशासन व रेखीय विभागों के सहयोग से डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण को लेकर जन जागरूकता अभियान जारी रखने को कहा गया है। प्रदेश में अब तक 81 फीसदी डेंगू मरीज उपचार के उपरांत स्वस्थ हो चुके हैं, जिनको विभिन्न अस्पतालों से डिस्चार्ज कर दिया गया है। वर्तमान में राज्य के ब्लड बैंकों में ब्लड की कोई कमी नहीं है तथा एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान हेतु ई-रक्तकोष पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया है।

सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास पर वर्चुअल माध्मय से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें उन्होंने प्रदेश में डेंगू की रोकथाम को लेकर जिला प्रशासन व रेखीय विभागों के साथ समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिये। डॉ. रावत ने कहा कि प्रदेश में अब तक 2049 डेंगू पीड़ित चिन्हित किये गये। जिनमें से उपचार के उपरांत लगभग 1652 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं जो कि कुछ डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या का 81 प्रतिशत है। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आगामी डेढ़ माह तक डेंगू के खतरे की सम्भावना है जिसको देखते हुये अधिक संवेदनशील जनपदों में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को रेखीय विभागों के साथ तालमेल कर जन जाकरूकता अभियान जारी रखने के निर्देश दिये गये हैं, साथ ही आम लोगों भी डेंगू के प्रति सतर्क रहने की आवश्यकता है। डॉ. रावत ने बताया कि सूबे में एक लाख से अधिक लोगों ने स्वैच्छिक रक्तदान हेतु ई-रक्त पोर्टल अपना पंजीकरण कराया है। जिसके चलते प्रदेश में डेंगू मरीजों के लिये प्लेटलेट्स की कोई कमी नहीं होने दी जायेगी। राज्य के ब्लड बैंकों में भी पर्याप्त मात्रा में ब्लड व प्लेटलेट्स उपलब्ध हैं।

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