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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पब्लिक सेक्टर को लेकर जताई चिंता बजट को भी निराशानजक बताया

हरिद्वार,
वरिष्ठ कांग्रेस नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में पब्लिक सेक्टर संकट में हैं। राज्य के दो प्रमुख सार्वजनिक संस्थान आईडीपीएल और एचएमटी बंद हो चुके हैं। अब भेल पर संकट बढ़ रहा है। केंद्र सरकार से भेल को आर्डर नहीं मिल रहे हैं। कार्मिकों की संख्या भी लगातार घट रही है। मुख्यमंत्री केंद्र से भेल की भूमि मांग रहे हैं। जिससे भेल के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ रही है। प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए हरीश रावत ने कहा कि पिछले दिनों राज्य में निवेश को लेकर बहुत हल्ला हुआ। लेकिन धरातल पर कुछ नजर नहीं आया। राज्य में सात सौ से अधिक इकाईयां बंद हो चुकी है या बंद होने की कगार पर हैं। अघोषित तरीके से कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। कहा कि कांग्रेस श्रमिकों की लड़ाई लड़ेगी और इस मुद्दे को लेकर वे जल्द ही सिडकुल में पदयात्रा करेंगे। हरीश रावत ने केंद्र सरकार के अंतरिम बजट पर सवाल उठाते हुए कहा कि बजट में वर्किंग क्लास को कोई लाभ नहीं दिया गया। आयकर में छूट की घोषणा नहीं होने से नौकरी पेशा वर्ग निराशा है। सरकार ने नौकरी पेशा वर्ग के बजाए काॅर्पोरेट सेक्टर को आयकर छूट देने की घोषणा बजट में की है। इसके अलावा किसानों से एमएसपी पर कानून बनाने के वादे को भी सरकार ने पूरा नहीं किया है। केंद्र सरकार के दस साल पूरे होने वाले हैं। लेकिन सरकार ने लोगों के खाते में 15-15 लाख रूपए भेजने के वादे को भी अब तक पूरा नहीं किया है। उन्होंने कहा कि बजट पूरी तरह निराशाजनक है। उत्तराखंड के लिए तो ज्यादा निराशाजनक है। बजट में ना तो उत्तराखंड का विशेष राज्य का दर्जा बहाल करने की घोषणा की गयी ना ही ग्रीन बोनस का ऐलान किया गया। उत्तराखंड और हिमाचल को अकसर आपदाओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन बजट में आपदा मानकों की कोई चर्चा तक नहीं की गयी। उत्तराखंड के लोगों को उम्मीद थी कि राज्य में रेल नेटवर्क का विस्तार किया जाएगा। इस संबंध में भी सरकार ने कोई घोषणा नहीं की। भूमिधरी का अधिकार नहीं मिलने पर चुनाव बहिष्कार की बात कर रहे हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में बसे टिहरी विस्थापितों से चुनाव बहिष्कार नहीं करने की अपील करते हुए हरीश रावत ने कहा कि कांग्रेस टिहरी विस्थापितों की लड़ाई लड़ेगी। हरीश रावत ने कहा कि हरिद्वार जनपद के हजारों बीपीएल कार्ड धारकों के कार्ड नवीनीकरण के नाम पर जमा करा लिए गए। जिन्हें अब तक लौटाया नहीं गया है। लोग इससे परेशान हैं। यदि दस दिन के अंदर राशन कार्ड वापस कार्ड धारकों को लौटाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी तो वे जिला पूर्ति कार्यालय पर धरना देंगे। सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता कानून लागू किए जाने के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यूसीसी से कुछ हासिल नहीं होने जा रहा है। राज्य सरकार ने अभी तक यूसीसी ड्राफ्ट को सार्वजनिक भी नहीं किया है। जिससे इसके प्रावधानों पर कुछ कहना अभी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि चुनाव में जनता के मूल सवालों का जवाब ना देना पड़े और विफलताओं को छिपाने के लिए यूसीसी को लाया जा रहा है। यूसीसी को लागू ही करना है तो केंद्र सरकार को इसे राष्ट्रीय आधार पर लागू करना चाहिए। राज्यों के आधार पर इसे लागू किए जाने से कई विसंगतियां उत्पन्न होंगी। लोकसभा चुनाव में विपक्षों दलों के गठबंधन के संबंध में पूछे गए एक अन्य सवाल के जवाब में हरीश रावत ने कहा कि चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर गठबंधन में शामिल दलों से वार्ता लगातार चल रही है। गठबंधन कामयाब होगा और इंडिया चुनाव जीतेगा।

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